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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2777
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

रिमोट सेंसिंग के प्रकार

रिमोट सेंसिंग के प्रकारों का अध्ययन निम्न बिन्दुओं के तहत् किया जा सकता है- सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग (Satellite Remote Sensing)

रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट्स कई सेंसर से लैस होते हैं। इनका मुँह पृथ्वी की ओर किया जाता है। वे पृथ्वी पर लगातार अनुमानित कक्षाओं में घूमते हुए दिखते हैं।

सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग में, सेंसर पृथ्वी की सतह से सेंसर को अलग करने वाले वातावरण की एक परत के रूप में परिलक्षित होते हैं। ऐसे में, वायुमण्डलीय घटक वेवलेंथ डिपेंडेंट अब्सॉप्शन और विकिरण के बिखरने का कारण बनते हैं। ये प्रभाव छवियों की गुणवत्ता को कम करते हैं। छवियों के आगे विश्लेषण और व्याख्या के अधीन होने से पहले कुछ वायुमण्डलीय प्रभावों को ठीक किया जा सकता है।

ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग
(Optical Remote Sensing)

'ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग में, ऑप्टिकल सेंसर पृथ्वी से रिफ्लेक्ट और स्कैटर्ड होने वाली सोलर रेडिएशन का पता लगाते हैं। इसके साथ ही अंतरिक्ष में कैमरे से ऊपर की तस्वीरों को लेने का काम करते हैं।

इस कारण पानी, मिट्टी, वनस्पति, इमारतों और सड़कों जैसी विभिन्न सामग्रियों में विभिन्न तरीकों से विज़िबल और इंफ्रारेड लाइट दिखाई देती है। नीचे देखे जाने पर उनके पास अलग-अलग रंग और चमक होती है। ऑप्टिकल छवियों की व्याख्या के लिए पृथ्वी की सतह को कवर करने वाली विभिन्न सामग्रियों के स्पेक्ट्रल प्रतिबिंब के ज्ञान का होना अनिवार्य है। तभी प्राकृतिक और मानव निर्मित वस्तुओं में भेद हो पाता है।

इस दौरान पृथ्वी से उत्सर्जित थर्मल इन्फ्रारेड रेडिएशन को मापने वाले इन्फ्रारेड सेंसर भी प्रयोग किए जाते हैं, जिनसे जमीन या समुद्र की सतह का तापमान प्राप्त किया जाता है।

माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग
(Microwave Remote Sensing)

कुछ रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट्स ऐस भी हैं जो निष्क्रिय या सक्रिय माइक्रोवेव सेंसर का प्रयोग करते हैं। सक्रिय सेंसर इमेज किए जाने वाले क्षेत्रों को रोशन करने के लिए माइक्रोवेव रेडिएशन की तरंग को उत्सर्जित करते हैं। पृथ्वी की सतह की छवियाँ जमीन या समुद्र से सेंसर में बिखरे माइक्रोवेव ऊर्जा को मापकर बनाई जाती हैं।

इन सैटेलाइट्स में अपने लक्ष्य को उजागर करने के लिए माइक्रोवेव एमिट करने वाली अपनी "फ्लैशलाइट" होती है। इस प्रकार इसका प्रयोग दिन और रात दोनों समय हासिल किया जा सकता है। माइक्रोवेव का प्रयोग करने से अतिरिक्त लाभ होता है क्योंकि इस प्रकार के सेंसर बादलों में प्रवेश कर सकते हैं। इसी कारण इन माइक्रोवेव की सहायता से जब पृथ्वी की सतह को ढकने वाले बादल होते हैं तब भी छवियाँ हासिल की जा सकती हैं।

रिमोट सेंसिंग के अनुप्रयोग

रिमोट सेंसिंग शब्द को संयुक्त राज्य अमेरिका में 1950 के दशक के अंत में नौसेना अनुसंधान के अमेरिकी कार्यालय से धन आकर्षित करने के लिए पेश किया गया था। रिमोट सेंसिंग को किसी रिकॉर्डिंग डिवाइस द्वारा किसी वस्तु या घटना की कुछ संपत्ति की जानकारी के माप या अधिग्रहण के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो अध्ययन के तहत वस्तु या घटना के साथ भौतिक या अंतरंग संपर्क में नहीं है। तो, रिमोट सेंसिंग एक बहु-विषयक गतिविधि है जो एक दूरस्थ मंच से अवलोकनों द्वारा प्राप्त डेटा के विश्लेषण के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों की सूची, निगरानी और मूल्यांकन से सम्बन्धित है। यह एक ऐसी आधुनिक तकनीक है जिसका वर्तमान में महत्वपूर्ण उपयोग है क्योंकि इस प्रणाली के माध्यम से बहुत ही कम समय में धरातल के प्राकृतिक संसाधनों का सर्वेक्षण निगरानी व अवलोकन किया जा सकता है। यह तकनीक आपदा प्रबंधन में भी सहायक है। इसके अनुप्रयोगों को निम्न बिन्दुओं के तहत समझा जा सकता है-

(1) कृषि के क्षेत्र में उपयोग - सुदूर संवेदन प्रणाली द्वारा धरातल की मृदा के वर्गीकरण का मानचित्र तैयार किया जा सकता है। इसके माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि किस क्षेत्र में, किस मृदा का, कितना विस्तार है? इसके माध्यम से मृदा की अम्लीय तथा क्षारीय प्रकृति का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा रिमोट सेंसिंग के द्वारा किसी विशेष मौसम की फसल का विस्तार क्षेत्र जाना जा सकता है। फसलों के वर्गीकरण का मानचित्र तैयार करने में भी यह बहुत उपयोगी है अर्थात् इसके माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि किस क्षेत्र में कौन-सी फसल बोई गई है?

(2) वन संसाधन के क्षेत्र में  वन संसाधन की विभिन्न प्रक्रियाओं में रिमोट सेंसिंग का प्रयोग किया जाता है। इसके माध्यम से किसी देश के वनाच्छादित क्षेत्र का मानचित्र तैयार किया जा सकता है। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जा सकता कि किस क्षेत्र में कौन-सी वनस्पति मौजूद है। वनों की सघनता का ज्ञान और जंगलों में लगी आग के बारे में भी रिमोट सेंसिंग से जानकारी मिलती है।

(3) भू-गर्भ क्षेत्र के अध्ययन में रिमोट सेंसिंग तकनीकी के द्वारा किसी क्षेत्र के खनिज संसाधनों की उपलब्धता का मानचित्र तैयार किया जा सकता है। धरातलीय सतह के अंदर जीवाश्म ईंधनों की उपलब्धता का पता लगाने में भी यह विधि कारगर है। इसके अलावा धरातल में होने वाली हलचल या भू-आकृतिक बदलाव का पता लगाने के लिए भी रिमोट सेंसिंग का ही प्रयोग किया जाता है।

(4) महासागरीय क्षेत्र में महासागरीय अध्ययन के कई क्षेत्रों में रिमोट सेसिंग का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है। महासागरों का मानचित्र तैयार करने में और महासागरीय संसाधनों की सूचना देने, चक्रवातों की जानकारी ज्ञात करना जैसे कार्य भी रिमोट सेंसिंग के माध्यम से ही किए जाते हैं।

इसके अलावा रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग स्थल के विभिन्न मानचित्र तैयार करने में, बड़े शहरों की बसावट एवं उसके विस्तार क्षेत्र का मानचित्र तैयार करने में भी उपयोगी है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
  3. प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
  4. प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
  7. प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
  8. प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
  9. प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  10. प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
  11. प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
  13. प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
  15. प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
  19. प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
  20. प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  21. प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
  23. प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
  24. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
  25. प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
  26. प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
  28. प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
  30. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  32. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
  33. प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
  35. प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
  36. प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
  41. प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
  43. प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
  44. प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
  46. प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
  47. प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
  49. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  50. प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
  51. प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
  52. प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
  53. प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
  55. प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
  57. प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  60. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  61. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  64. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
  66. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
  68. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
  69. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
  70. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
  72. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  74. प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
  75. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  77. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
  79. प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- विश्वस्तरीय सन्दर्भ प्रणाली से आपका क्या आशय है? निर्देशांक प्रणाली के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- डाटा मॉडल अर्थात् आँकड़ा मॉडल से आप क्या समझते हैं? इसके कार्य, संकल्पना और उपागम का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  84. प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
  87. प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  88. प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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